विद्यापति की काव्य भाषा

विद्यापति की काव्य भाषा

भारतीय मध्यकालीन साहित्य में विद्यापति ठाकुर (1352–1448 ई.) का नाम प्रेम और भक्ति की कविता के महानतम पुरोधाओं में लिया जाता है। वे मैथिली भाषा के गौरव हैं और ‘मैथिली काव्य-कोकि...

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विद्यापति का श्रृंगार वर्णन

विद्यापति का श्रृंगार वर्णन- भारतीय साहित्य में श्रृंगार रस को प्रधान रस माना गया है। काव्यशास्त्र में श्रृंगार का महत्व सर्वोपरि है क्योंकि यह मानव के हृदय के कोमलतम भावों को उद्घ...

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विद्यापति की भक्ति भावना

विद्यापति की भक्ति भावना

भारतीय साहित्य की भक्ति परंपरा में विद्यापति एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। विद्यापति मैथिली साहित्य के सर्वाधिक लोकप्रिय कवि हैं। इनका जन्म मिथिला क्षेत्र के मधुबनी जिले के बिस्फी...

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