मैला आंचल की आंचलिकता(Maila Aanchal Ki Anchalikta): फणीश्वरनाथ रेणु का यथार्थवादी दृष्टिकोण

प्रस्तावना

मैला आंचल की आंचलिकता(Maila Aanchal Ki Anchalikta) : हिंदी साहित्य में जब भी आंचलिक उपन्यासों की बात होती है, फणीश्वरनाथ रेणु का ‘मैला आंचल’ शीर्ष स्थान पर आता है। यह उपन्यास बिहार के पूर्णिया क्षेत्र की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है और इसकी आंचलिकता न केवल भौगोलिक संदर्भ में बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक, भाषाई और राजनीतिक स्तर पर भी गहराई से अभिव्यक्त होती है। ‘मैला आंचल’ महज एक कथा नहीं है, यह उस समय के ग्रामीण भारत का दर्पण है जो स्वतंत्रता के बाद बदलाव की प्रक्रिया से गुजर रहा था।

आंचलिकता की अवधारणा

‘आंचलिकता’ शब्द का अर्थ है किसी विशेष भू-भाग, क्षेत्र या अंचल की विशिष्ट जीवनशैली, भाषा, संस्कृति, लोक परंपराएं, रीति-रिवाजों और समस्याओं का यथार्थवादी चित्रण। हिंदी साहित्य में आंचलिकता का प्रवेश यथार्थवादी दृष्टिकोण के साथ हुआ, जिसका उद्देश्य था—मुख्यधारा से दूर क्षेत्रों की आवाज़ को साहित्यिक मंच प्रदान करना।

मैला आंचल में आंचलिकता की अभिव्यक्ति

1. भाषाई आंचलिकता

रेणु ने ‘मैला आंचल’ में मैथिली, भोजपुरी, मगही, और हिंदी के मिश्रण का उत्कृष्ट प्रयोग किया है। पात्रों की बातचीत में स्थानीय भाषा का सहज और स्वाभाविक उपयोग, उपन्यास को यथार्थ के करीब लाता है। उदाहरण के लिए:

“का हो डाक्टर बाबू, कनी पीपल त छांव में बइठ जइये…”

इस प्रकार की भाषा न केवल पात्रों की सजीवता बढ़ाती है बल्कि पाठक को उस क्षेत्र की भाषिक विविधता का अनुभव भी कराती है।

2. सांस्कृतिक आंचलिकता

रेणु ने मिथिला और पूर्णिया क्षेत्र की लोकसंस्कृति, त्योहार, गीत, नृत्य, मान्यताओं और सामाजिक जीवन को बारीकी से चित्रित किया है। छठ पूजा, विवाह परंपराएं, देवी-देवताओं की मान्यताएं, और लोकगीत उपन्यास में जीवंत रूप में उपस्थित हैं।

उदाहरणस्वरूप, छठ महापर्व का वर्णन और लोकगीतों की प्रस्तुति पाठक को उस सांस्कृतिक परिवेश में ले जाती है।

3. आर्थिक और सामाजिक यथार्थ

रेणु ने ग्रामीण भारत की गरीबी, कर्ज, जमींदारी प्रथा, अशिक्षा, और चिकित्सा सेवाओं की कमी जैसे मुद्दों को बड़ी संवेदनशीलता से उजागर किया है। उपन्यास में डॉ. प्रशांत जैसे पात्र के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य समस्याओं को केंद्र में लाया गया है।

4. राजनीतिक आंचलिकता

‘मैला आंचल’ स्वतंत्रता के बाद के भारत की राजनीति की विडंबनाओं को सामने लाता है। पंचायती राज की विफलता, चुनावी भ्रष्टाचार, जन प्रतिनिधियों की असंवेदनशीलता आदि को उपन्यास में दिखाया गया है। यह क्षेत्रीय राजनीति का ऐसा चित्रण है, जो पूरे देश के लिए प्रासंगिक बन जाता है।

5. प्राकृतिक परिवेश और लोक जीवन

रेणु ने उपन्यास में पूर्णिया के प्राकृतिक सौंदर्य, नदियों, खेतों, झाड़ियों, गांव की गलियों और चौपालों का ऐसा चित्रण किया है कि पाठक उस परिवेश का हिस्सा बन जाता है। खेतों की हरियाली, बारिश की बौछारें, गांव की गलियां—ये सब उपन्यास के पात्र बन जाते हैं।

चरित्रों में आंचलिक जीवन का प्रतिबिंब

डॉ. प्रशांत, फुलिया, तीसमारी बाबा, लतिका, बंधुआ, सुग्गनी जैसे पात्र उस आंचलिक समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन पात्रों के माध्यम से उपन्यासकार ने समाज की हर परत को उकेरा है—ब्राम्हण से लेकर दलित वर्ग तक, किसान से लेकर व्यापारी तक।

शैलीगत विशेषताएं

  1. वर्णनात्मक भाषा – दृश्यात्मकता इतनी सजीव है कि पाठक को हर दृश्य आँखों के सामने दिखाई देता है।
  2. लोकगीतों और मुहावरों का प्रयोग – जो भाषा को सजीवता देता है।
  3. सांकेतिकता और बिंबों का प्रयोग – जिससे उपन्यास की गहराई बढ़ती है।

मैला आंचल: आंचलिक उपन्यास की पराकाष्ठा

‘मैला आंचल’ को हिंदी साहित्य का प्रथम सफल आंचलिक उपन्यास कहा जाता है। इसकी आंचलिकता ने न केवल उपन्यास को यथार्थ का नया आयाम दिया, बल्कि यह साबित किया कि भारत का ग्रामीण जीवन भी साहित्य का केंद्रीय विषय हो सकता है। यह एक ऐसा उपन्यास है, जो बोलता है, जीता है और हमें उस समाज से जोड़ता है, जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।

निष्कर्ष

फणीश्वरनाथ रेणु का ‘मैला आंचल’ भारतीय ग्रामीण जीवन, उसकी समस्याओं, संस्कृति, भाषा और राजनीति का जीवंत दस्तावेज़ है। इसकी आंचलिकता पाठकों को न केवल मनोरंजन देती है बल्कि उन्हें सोचने पर भी मजबूर करती है। यह उपन्यास इस बात का प्रमाण है कि आंचलिकता, यदि गहराई से और संवेदनशीलता से प्रस्तुत की जाए, तो वह साहित्य को असाधारण ऊंचाई तक पहुँचा सकती है।

FAQs: मैला आंचल की आंचलिकता(Maila Aanchal Ki Anchalikta)

Q1. मैला आंचल को आंचलिक उपन्यास क्यों कहा जाता है?

उत्तर: क्योंकि इसमें पूर्णिया क्षेत्र की भाषा, संस्कृति, समाज और जीवनशैली का यथार्थ चित्रण किया गया है।

Q2. मैला आंचल का प्रमुख पात्र कौन है?

उत्तर: डॉ. प्रशांत, जो गांव में सेवा के लिए आता है और ग्रामीण जीवन की सच्चाई से रूबरू होता है।

Q3. फणीश्वरनाथ रेणु ने किस भाषा-शैली का प्रयोग किया है?

उत्तर: उन्होंने हिंदी के साथ-साथ मैथिली, भोजपुरी, मगही आदि स्थानीय बोलियों का प्रयोग किया है।

Q4. मैला आंचल का सामाजिक संदेश क्या है?

उत्तर: यह उपन्यास ग्रामीण भारत की समस्याओं और संभावनाओं का चित्रण कर सामाजिक जागरूकता लाता है।

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