उत्तरप्रदेश

धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश: जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की काली कोठी पर तीसरे दिन भी चला बुलडोजर

छांगुर बाबा

 विशेष समाचार रिपोर्ट
बलरामपुर, उत्तर प्रदेश

छांगुर बाबा : उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में कथित धर्मांतरण रैकेट के मुख्य आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छंगुर बाबा की कोठी पर योगी सरकार का बुलडोजर तीसरे दिन भी कार्रवाई करता रहा। ATS और ED की टीमों की संयुक्त जांच में खुलासा हुआ है कि यह बाबा, जो कभी साइकिल पर नग-ताबीज बेचा करता था, आज 100 करोड़ रुपए के विदेशी फंडिंग नेटवर्क का संचालन करता था।

छांगुर बाबा


40 कमरों की कोठी, डिग्री कॉलेज और निजी पावर हाउस

तीन दिन में 60% कोठी ढहा दी गई है, लेकिन अब भी पूरा ढांचा गिराया नहीं जा सका है।
🔸 कोठी में पाए गए:

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  • 40 कमरे, विशाल हॉल
  • मिनी पावर हाउस
  • विदेशी नस्ल के घोड़े व कुत्ते
  • सीसीटीवी की कड़ी निगरानी
  • 500 मीटर लंबी खुद की बनाई निजी सड़क

इस कोठी से जुड़ा एक डिग्री कॉलेज भी तोड़ा जा रहा है, जो जांच एजेंसियों के मुताबिक युवाओं के ब्रेनवॉश और धर्मांतरण के लिए बनाया गया था।


छांगुर बाबा:ATS की रिमांड पर बाबा और नीतू उर्फ नसरीन

ATS को बाबा और उसकी सहयोगी नसरीन की रिमांड मिल गई है
-नीतू और उसका पति पहले हिंदू थे, बाद में कथित रूप से दुबई में धर्मांतरण हुआ—लेकिन पासपोर्ट पर दुबई यात्रा का  कोई रिकॉर्ड नहीं
-जांच एजेंसियों को संदेह है कि इनके पास फर्जी पासपोर्ट या दोहरी पहचान हो सकती है।
-दोनों ने मुंबई की करोड़ों की संपत्ति बेचकर बाबा के साथ गांव में रहना शुरू कर दिया था।


100 करोड़ की विदेशी फंडिंग की जांच

ईडी और एटीएस दोनों ने इस नेटवर्क की आर्थिक गतिविधियों की जांच शुरू की है।
अब तक के इनपुट:

  • विदेशी ब्रांड्स की महंगी वस्तुएं
  • विदेश यात्राओं का लंबा रिकॉर्ड (40+ बार यात्रा)
  • एक बार में दोनों कभी साथ नहीं गए—अलग-अलग यात्रा की गई

बड़ा सवाल: यह सब इतने वर्षों तक छिपा कैसे रहा छांगुर बाबा ?

  • बिना रोड वाला इलाका, लेकिन खुद की सड़क बनाई गई
  • किसी भी स्थानीय अधिकारी ने कोठी के निर्माण पर सवाल नहीं उठाया
  • पत्नी दो बार ग्राम पंचायत का चुनाव जीत चुकी थी
  • आसपास के लोग भी वर्षों तक खामोश क्यों रहे?

इस पर राजनीतिक मिलीभगत और प्रशासनिक चूक के गंभीर आरोप लग रहे हैं।


सरकार की प्रतिक्रिया: “एक जल्लाद पर कार्रवाई की है” — CM योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कार्रवाई को सख्त कार्रवाई की मिसाल बताते हुए कहा,

“हमने एक जल्लाद पर कार्रवाई की है। राज्य में छांगुर बाबा माफिया या धर्मांतरण के धंधेबाजों के लिए कोई जगह नहीं है।”


राजनीतिक परतें और सुरक्षा एजेंसियों की अनदेखी?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि

  • यह केवल एक व्यक्ति का अपराध नहीं, एक माफिया नेटवर्क का हिस्सा है
  • इसमें स्थानीय राजनेता, अफसर, और विदेशी एजेंसियों का इन्वॉल्वमेंट भी हो सकता है
  • कुछ रिपोर्टों में दाऊद इब्राहिम से जुड़े नेताओं के साथ संबंध की भी बात कही जा रही है

और देखें:https://newzwala.com/%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a4%be-%e0%a4%86%e0%a4%a4%e0%a4%82%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a4%ae%e0%a4%b2%e0%a5%872019/


मांग: CBI या NIA जांच की जरूरत

विशेषज्ञों और समाजसेवियों का मानना है कि:
🔸 यह मामला राज्य के कानून-व्यवस्था से ऊपर का है
🔸 CBI या NIA को इसकी गहराई से जांच करनी चाहिए
🔸 इसके पीछे के सभी ‘सरपरस्तों’ को बेनकाब किया जाना चाहिए

Also watch:https://www.youtube.com/watch?v=LdukHAYHksE


धार्मिक संतुलन और सामाजिक चेतना पर खतरा छांगुर बाबा जैसे लोग

ध्यान देने वाली बात यह भी है कि

  • उत्तर प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में धर्मांतरण के कई केस हाल ही में सामने आए हैं
  • “The Kerala Story” जैसी फिल्में इसी सामाजिक खतरे को रेखांकित कर चुकी हैं
  • यह मामला केवल कानून का नहीं, समाज और संस्कृति की रक्षा का है

 निष्कर्ष: “छांगुर बाबा” जैसे नाम नहीं, एक चेतावनी हैं

यह मामला बताता है कि
*अंधभक्ति, अवैध गतिविधियां और प्रशासनिक चूक मिलकर देश की नींव को अंदर से खोखला कर सकती हैं
*समय आ गया है कि जनता जागरूक बने, और ऐसी किसी भी गतिविधि की सूचना तत्काल प्रशासन को दे।
*सरकार को चाहिए कि वह केवल ‘बाबा’ पर नहीं, पूरे नेटवर्क पर कार्रवाई करे।


यह खबर केवल पढ़िए नहीं—समझिए, साझा कीजिए और समाज को जागरूक कीजिए।

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