राजनीति

सट्टेबाजी ऐप घोटाले में 29 मशहूर हस्तियों पर ईडी ने दर्ज किया केस

प्रवर्तन निदेशालय की बड़ी कार्रवाई, कई फिल्मी सितारे जांच के घेरे में

सट्टेबाजी ऐप घोटाले ने एक बार फिर बॉलीवुड और टॉलीवुड के दरवाज़े खटखटा दिए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 29 सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और फिल्मी हस्तियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई हैदराबाद साइबर पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई है।

इन नामी सितारों पर लगे हैं आरोप

ईडी की प्रारंभिक रिपोर्ट में जिन नामों का ज़िक्र हुआ है, उनमें शामिल हैं:

  • विजय द्वारकंद

    [news_related_post]
  • राणा दग्गुबाती

  • मांचू लक्ष्मी

  • प्रश राज

  • निधि अग्रवाल

  • अरना नागला

  • श्रीमुखी

इन पर आरोप है कि इन्होंने कथित तौर पर एक गैरकानूनी सट्टेबाजी ऐप का प्रचार किया और इसके बदले भुगतान लिया।

औरपढ़ें:https://newzwala.com/%e0%a4%aa%e0%a5%80%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%a1%e0%a5%8d%e0%a4%b8-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%9a/

प्रचार के बदले मिला काला धन?

ईडी को शक है कि इन हस्तियों को ऐप का प्रचार करने के लिए जो पैसे दिए गए, वो अवैध लेनदेन के तहत थे। इसमें नकद भुगतान, टैक्स चोरी और काली कमाई से भुगतान जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। ईडी की नज़र में यह मनी लॉन्ड्रिंग का एक बड़ा नेटवर्क है, जिसमें सितारे अनजाने में या जानबूझकर शामिल हो सकते हैं।

सवालों के घेरे में प्रमोशन फीस

ईडी अधिकारियों के अनुसार, यदि कोई भी व्यक्ति किसी ब्रांड का प्रचार करता है और उसके बदले में भुगतान लेता है, तो उसे टैक्स देना जरूरी है। लेकिन कई मामलों में ऐसा नहीं किया गया। कुछ कलाकारों को नकद भुगतान हुआ, कुछ को गिफ्ट्स या अन्य फॉर्म्स में रकम मिली। इन लेनदेन का कोई टैक्स रिकॉर्ड मौजूद नहीं है।

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स भी जांच के दायरे में

सिर्फ अभिनेता ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर सक्रिय कई बड़े इन्फ्लुएंसर्स भी ईडी के रडार पर हैं। इन लोगों ने अपने प्लेटफॉर्म्स पर इस सट्टेबाजी ऐप को बढ़ावा दिया और बदले में मोटी रकम हासिल की।

क्या सेलिब्रिटी भी हैं जिम्मेदार?

सवाल यह भी उठता है कि क्या मशहूर हस्तियां ब्रांड के बैकग्राउंड की जांच नहीं करतीं? यदि कोई गैरकानूनी ऐप का प्रचार किया जाता है, तो क्या स्टार्स और उनके मैनेजर्स की जिम्मेदारी नहीं बनती?

ईडी की कार्रवाई में देरी क्यों?

हालांकि एफआईआर मार्च में दर्ज की गई थी, लेकिन ईडी ने जुलाई में जाकर इस मामले में ECIR (Enforcement Case Information Report) दर्ज की। इसकी वजह दस्तावेज़ों की गहन जांच और मनी ट्रेल की पुष्टि बताई जा रही है।

Watch:https://www.youtube.com/watch?v=mYN97VAi7Y8

आगे क्या?

प्रवर्तन निदेशालय अब इन सभी हस्तियों से पूछताछ करेगा। कुछ के यहां छापेमारी भी हो सकती है। ईडी यह भी जांच कर रही है कि इन लोगों को पैसा किस माध्यम से मिला और क्या वो इसकी वैधता साबित कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *