14 फरवरी 2019 को जब देश पुलवामा आतंकी हमले की ख़बर से दहल उठा, तो पूरा भारत शोक में डूब गया। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए इस आत्मघाती हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। यह हमला भारत की आंतरिक सुरक्षा पर सबसे बड़े हमलों में से एक माना जाता है। इस घटना ने केवल सुरक्षा व्यवस्था पर ही नहीं, बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की निगरानी व्यवस्था पर भी कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
हाल ही में एक गंभीर खुलासा हुआ है कि इस हमले में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक बनाने के लिए जरूरी केमिकल अमेज़न जैसी ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट से खरीदे गए थे। यह जानकारी ना सिर्फ चौंकाने वाली है, बल्कि यह भी दिखाती है कि किस तरह से आतंकी संगठन तकनीक और खुले ऑनलाइन बाज़ार का फायदा उठाकर अपने मंसूबे पूरे करने की कोशिश करते हैं।
1. पुलवामा आतंकी हमले की दास्ताँ : एक त्वरित पुनरावलोकन
2019 में जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकी संगठन से जुड़े एक आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने विस्फोटकों से भरी एक कार से सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया। इस धमाके में एक बस पूरी तरह नष्ट हो गई, और 40 जवान शहीद हो गए।
[news_related_post]हमले में जो विस्फोटक इस्तेमाल किया गया, वो था RDX और Ammonium Nitrate का मिश्रण। पहले यह माना गया कि यह सामग्री पाकिस्तान से आई थी, लेकिन अब जांच में एक नया मोड़ आया है।
2. अमेज़न से खरीदे गए केमिकल्स: कैसे हुआ खुलासा?
जांच एजेंसियों ने जब हमले के बाद डिजिटल साक्ष्यों को खंगाला, तो उन्हें पता चला कि कुछ केमिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस ऑनलाइन वेबसाइट्स, विशेषकर अमेज़न से मंगवाए गए थे।
जांच से जुड़े मुख्य बिंदु:
- आतंकी संगठन ने स्थानीय युवाओं के नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर ऑर्डर दिए थे।
- Potassium Nitrate, Sulphur, Activated Charcoal जैसे घटक जो विस्फोटकों के निर्माण में उपयोग होते हैं, ऑनलाइन खरीदे गए।
- डिलीवरी लेने के लिए फर्जी पते और नंबर इस्तेमाल किए गए।
यह भी सामने आया कि कुछ सामान कैश ऑन डिलीवरी के ज़रिये मंगाया गया ताकि किसी डिजिटल ट्रेल से बचा जा सके।
3. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और उनकी ज़िम्मेदारी
आज के समय में जब अधिकांश चीजें ऑनलाइन उपलब्ध हैं, तब यह और भी जरूरी हो जाता है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें।
देखें : https://www.youtube.com/watch?v=5x4gNelDOjs
प्रमुख चिंताएं:
- क्या ऑनलाइन मार्केटप्लेस्स खतरनाक केमिकल्स की बिक्री को लेकर पर्याप्त सतर्क हैं?
- क्या इन वेबसाइट्स पर सुरक्षा प्रोटोकॉल पर्याप्त हैं?
- क्या ऐसी सामग्रियों की बिक्री के लिए ग्राहक का KYC (Know Your Customer) अनिवार्य नहीं होना चाहिए?
विशेषज्ञों की राय:
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कोई भी रसायन जो विस्फोटक बन सकता है, खुलेआम ऑनलाइन उपलब्ध है, तो वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। इसीलिए ऐसे उत्पादों की बिक्री पर सरकार और ई-कॉमर्स कंपनियों को मिलकर कड़ी नीति बनानी चाहिए।
4. तकनीक का दुरुपयोग: आतंकवाद की बदलती रणनीति
एक समय था जब आतंकवादी केवल सीमा पार से हथियारों और विस्फोटकों को छिपाकर भारत लाते थे। पर आज के दौर में इंटरनेट, डार्क वेब, और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के ज़रिये आतंकी अपनी जरूरत की चीजें आसानी से हासिल कर रहे हैं।
उदाहरण:
- 2017 में लंदन मेट्रो में हुए बम धमाके में भी DIY बम सामग्री ऑनलाइन खरीदी गई थी।
- ISIS जैसे संगठन अपने प्रशिक्षु आतंकियों को ऑनलाइन वीडियो और मैनुअल भेजते हैं।
इसलिए यह ज़रूरी है कि हम केवल भौतिक सुरक्षा पर ही नहीं, डिजिटल निगरानी पर भी उतना ही ध्यान दें।
5. सरकार की प्रतिक्रिया और उठाए गए कदम
भारत सरकार ने इस खुलासे के बाद कई ठोस कदम उठाए हैं:
- सभी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स को संवेदनशील वस्तुओं की बिक्री पर नजर रखने के निर्देश दिए गए।
- NIA (National Investigation Agency) ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की जवाबदेही तय करने की मांग की।
- केमिकल्स की बिक्री को लेकर नई गाइडलाइन्स बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई है।
साथ ही आम लोगों से भी अपील की गई है कि अगर उन्हें किसी संदिग्ध ऑर्डर या गतिविधि की जानकारी मिले, तो वह तत्काल स्थानीय प्रशासन को सूचित करें।
निष्कर्ष: सतर्कता ही सुरक्षा है
पुलवामा हमला भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है। और अब जब यह साफ होता जा रहा है कि इसमें इस्तेमाल हुआ सामान हमारे ही देश से, ऑनलाइन माध्यमों से खरीदा गया, तो यह चेतावनी है कि हमे अपनी सुरक्षा दृष्टिकोण को और व्यापक बनाना होगा।
सिर्फ सीमा पर जवानों की तैनाती ही पर्याप्त नहीं, बल्कि साइबर निगरानी, ई-कॉमर्स रेगुलेशन, और सामाजिक जागरूकता भी ज़रूरी है।
आइए हम सभी मिलकर यह संकल्प लें कि तकनीक का उपयोग मानवता के विकास के लिए हो, न कि विनाश के लिए।
क्या आप जानते हैं?
- अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफॉर्म्स पर अब कई रसायनों की बिक्री रेगुलेटेड हो गई है।
- कुछ देशों में Potassium Nitrate को खरीदने के लिए लाइसेंस जरूरी है।
अगर यह जानकारी आपको महत्वपूर्ण लगी, तो इसे ज़रूर साझा करें। जागरूकता ही सुरक्षा की पहली सीढ़ी है।